Sumit Kumar Pandey: The Inner Voice  Por  arte de portada

Sumit Kumar Pandey: The Inner Voice

De: Dr. Sumit Kumar Pandey
  • Resumen

  • Welcome to "The Inner Voice", a transformative podcast hosted by Sumit Kumar Pandey, a seasoned media professional and academic. Tune in for insightful discussions on spirituality, motivation, life lessons, literature, and more. Listen to Sumit's thought-provoking talks and engage with him on "The Inner Voice" podcast, exploring the depths of human experience and inspiring personal growth. About Sumit: Former RJ at Gyanvani FM & All India Radio, with research and journalism background. Currently Assistant Professor at Lovely Professional University. Inspiring conversations ahead!
    Dr. Sumit Kumar Pandey
    Más Menos
activate_primeday_promo_in_buybox_DT
Episodios
  • मेरे दोस्त, तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो…
    Jul 13 2024

    क्या तुम्हारा नगर भी

    दुनिया के तमाम नगरों की तरह

    किसी नदी के पाट पर बसी एक बेचैन आकृति है?


    क्या तुम्हारे शहर में

    जवान सपने रातभर नींद के इंतज़ार में करवट बदलते हैं?


    क्या तुम्हारे शहर के नाईं गानों की धुन पर कैंची चलाते हैं

    और रिक्शेवाले सवारियों से अपनी ख़ुफ़िया बात साझा करते हैं?


    तुम्हारी गली के शोर में

    क्या प्रेम करने वाली स्त्रियों की चीखें घुली हैं?


    क्या तुम्हारे शहर के बच्चे भी अब बच्चे नहीं लगते

    क्या उनकी आँखों में कोई अमूर्त प्रतिशोध पलता है?


    क्या तुम्हारी अलगनी में तौलिये के नीचे अंतर्वस्त्र सूखते हैं?


    क्या कुत्ते अबतक किसी आवाज़ पर चौंकते हैं

    क्या तुम्हारे यहाँ की बिल्लियाँ दुर्बल हो गई हैं

    तुम्हारे घर के बच्चे भैंस के थनों को छूकर अब भी भागते हैं..?


    क्या तुम्हारे घर के बर्तन इतने अलहदा हैं

    कि माँ अचेतन में भी पहचान सकती है..?


    क्या सोते हुए तुम मुट्ठियाँ कस लेते हो

    क्या तुम्हारी आँखों में चित्र देर तक टिकते हैं

    और सपने हर घड़ी बदल जाते हैं…?


    मेरे दोस्त,

    तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो…

    बचपन का कोई अपरिभाष्य संकोच

    उँगलियों की कोई नागवार हरकत

    स्पर्श की कोई घृणित तृष्णा

    आँखों में अटका कोई अलभ्य दृश्य


    मैं सुन रहा हूँ…


    रचयिता: गौरव सिंह

    स्वर: डॉ. सुमित कुमार पाण्डेय

    Más Menos
    2 m
  • रूह तक रास्ता बनाया जा रहा है, ज़िस्म को ज़रिया बनाया जा रहा है
    Jul 13 2024

    रूह तक रास्ता बनाया जा रहा है, ज़िस्म को ज़रिया बनाया जा रहा है। ज़ख्म पर नहीं आँख पर बाँधी है पट्टी, चोट को अंधा बनाया जा रहा है॥ नस्ल (generation) को भीड़ का आदी बना कर, अस्ल (real) में तनहा बनाया जा रहा है। पाप को अंजाम देने के लिए अब, धर्म को जरिया बनाना जा रहा है॥

    स्वरस्वर: डॉडॉ. सुमिसुमित कुमारकुमार पाण्पाण्डेय

    शायराशायरा: कीर्तिकीर्ति

    Más Menos
    1 m
  • Meaning of Life (जीवन का अर्थ)
    Jul 28 2020
    स्वर: सुमित कुमार पाण्डेय, सामग्री: सुमित एवं हिन्दीजेन.कॉम
    Más Menos
    8 m

Lo que los oyentes dicen sobre Sumit Kumar Pandey: The Inner Voice

Calificaciones medias de los clientes

Reseñas - Selecciona las pestañas a continuación para cambiar el origen de las reseñas.