• Zindagi Tere Ghere Mein Rehkar | Sheoraj Singh 'Bechain'

  • Jul 30 2024
  • Length: 2 mins
  • Podcast

Zindagi Tere Ghere Mein Rehkar | Sheoraj Singh 'Bechain'  By  cover art

Zindagi Tere Ghere Mein Rehkar | Sheoraj Singh 'Bechain'

  • Summary

  • ज़िन्दगी तेरे घेरे में रहकर - श्योराज सिंह 'बेचैन'


    ज़िन्दगी तेरे घेरे में रहकर

    क्या करें इस बसेरे में रहकर

    इस उजाले में दिखता नहीं कुछ

    आँख चुंधियाएँ, पलके भीगी सी रहकर

    अब कहीं कोई राहत नहीं है

    दर्द कहता है आँखों से बहकर

    हाँ, हमी ने बढ़ावा दिया है

    ज़ुल्म सहते हैं ख़ामोश रहकर

    मुक्ति देखी ग़ुलामी से बदतर

    क्यों चिढ़ाते हैं आज़ाद कहकर

    घूँट भर पीने लायक न छोड़ी

    माँ जो आयी हिमालय से बहकर

    इस नए ट्रैक की ख़ासियत है

    झूट की ट्रैन चलती समय पर

    सच को लेकर ह्रदय में खड़े हो

    क्या करोगे अदालत में कह कर

    उनका मुंसिफ ख़रीदा हुआ है

    फैसला भी तो तय सा हुआ है

    गर कहोगे कि हम को बचा लो

    तब तो हमला भी होगा, हमी पर

    ज़िन्दगी तेरे घेरे में रहकर

    क्या करें इस सवेरे में रहकर

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