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  • मुण्डक उपनिषद: The Holographic Universe , Episode-04
    Sep 24 2024

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    All by the grace of Guru ji,
    Brahmleen Sant Samvit Somgiri Ji Maharaj.

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    19 mins
  • मुण्डक उपनिषद: एक परिचय Part-03, Episode-03
    Sep 23 2024

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    17 mins
  • मुण्डक उपनिषद: एक परिचय Part-02 Episode -02
    Sep 23 2024

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    19 mins
  • मुण्डक उपनिषद: एक परिचय -01 Episode -01
    Sep 19 2024
    मुण्डक उपनिषद: एक परिचयमुण्डक उपनिषद वेदों के साथ जुड़े हुए प्रमुख उपनिषदों में से एक है। यह अथर्ववेद से संबंधित है और ज्ञान, ध्यान, और आत्मसाक्षात्कार पर विशेष रूप से केंद्रित है। 'मुण्डक' शब्द का अर्थ 'मुंडन' या सिर का मुंडन करना होता है, जो यहां प्रतीकात्मक रूप से अज्ञानता का त्याग करने का संकेत है। यह उपनिषद एक साधक को आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने और ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।रचना और संरचनामुण्डक उपनिषद तीन अध्यायों में विभाजित है, और प्रत्येक अध्याय में दो खंड होते हैं। इसमें गुरु-शिष्य संवाद के माध्यम से ब्रह्मज्ञान को प्रस्तुत किया गया है। इसका केंद्रीय उद्देश्य आत्मा और ब्रह्म के बीच के संबंध को समझाना और उसे प्राप्त करने के साधनों पर ध्यान केंद्रित करना है।प्रमुख विषयब्रह्म का ज्ञान: मुण्डक उपनिषद ब्रह्म को सर्वोच्च सत्य और अंतिम सत्य के रूप में प्रस्तुत करता है। इसमें कहा गया है कि ब्रह्म ही इस संसार की उत्पत्ति, पालन, और विनाश का कारण है।परविद्या और अपरविद्या: उपनिषद में दो प्रकार की विद्या का उल्लेख किया गया है - अपरविद्या (सांसारिक ज्ञान) और परविद्या (आध्यात्मिक ज्ञान)। अपरविद्या के अंतर्गत वेद, शास्त्र आदि आते हैं, जबकि परविद्या वह है जिससे ब्रह्म का साक्षात्कार होता है।साधना का मार्ग: मुण्डक उपनिषद ध्यान, तपस्या, और साधना के महत्व पर जोर देता है। यह बताता है कि कैसे आत्म-साक्षात्कार और ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। साधक को इंद्रियों पर नियंत्रण, मानसिक शुद्धता, और ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।अहंकार का त्याग: इसमें बताया गया है कि ब्रह्म का ज्ञान तभी प्राप्त होता है जब व्यक्ति अहंकार, इच्छा, और अज्ञान का त्याग करता है। ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करने के लिए निरंतर साधना और समर्पण आवश्यक है।अद्वैत वेदांत का सिद्धांत: मुण्डक उपनिषद अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को प्रकट करता है, जिसमें ब्रह्म और आत्मा को एक ही माना जाता है। इसमें यह बताया गया है कि संसार मायिक है और केवल ब्रह्म ही सत्य है।उपनिषद का महत्त्वमुण्डक उपनिषद वेदांत दर्शन का एक प्रमुख स्त्रोत है। यह उपनिषद साधकों को ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने का मार्गदर्शन देता है और उन्हें ...
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    19 mins
  • प्रश्नोपनिषद: परिपूर्ण जीवन के लिए 16 कलाएं , Part-6 Episode-20
    Sep 18 2024

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    20 mins
  • प्रश्नोपनिषद: परिपूर्ण जीवन के लिए 16 कलाएं , Part-5 Episode-19
    Sep 17 2024

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  • प्रश्नोपनिषद: परिपूर्ण जीवन के लिए 16 कलाएं , Part-4 Episode-18
    Sep 12 2024

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  • प्रश्नोपनिषद: परिपूर्ण जीवन के लिए 16 कलाएं , Part-3 Episode-17
    Sep 11 2024

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