• 1. पापियों का उद्धार मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुआ (निर्गमन २७:९-२१)
    Dec 9 2022

    समकोणीय मिलापवाले तम्बू के आँगन की बाड़ लम्बाई में १०० हाथ की थी। बाइबल में, एक हाथ की लम्बाई मतलब व्यक्ति के कोहनी से उसके हाथ की ऊँगली के छोर तक की लम्बाई, तक़रीबन आज के ४५ सेंटीमीटर। उसी रूप से, मिलापवाले तम्बू के आँगन के बाड़े की लम्बाई १०० हाथ थी मतलब की वह ४५ मीटर थी, और उसकी चौड़ाई ५० हाथ यानी की तक़रीबन २२.५ मीटर थी चौड़ी थी। यह घर का नाप था जिसमे पुराने नियम के समय में परमेश्वर इस्राएल के लोगों के बिच में निवास करता था।

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  • 2. मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे (निर्गमन २७:९-१९)
    Dec 9 2022

    यह भाग मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे, परदे, लटकते हुए सफ़ेद बटी हुई सनी के कपड़े, पट्टिया, कुण्डी, पीतल की कुर्सियां, और पीतल के कुंडे को दर्शाता है। तम्बू वो जगह है जहाँ परमेश्वर निवास करता है। समकोणीय आँगन का नाप तक़रीबन ४५ मीटर (उत्तर और दक्षिण की ओर) से २२.५ मीटर (पूर्व और पश्चिम की ओर) था। मिलापवाला तम्बू अपने आप में छोटा सा ढाँचा था जिसकी छत चार आवरणों से बनाई गई थी। इसके विपरीत मिलापवाले तम्बू का आँगन खुले मैदान की तरह बड़ा था।
    आँगन के खम्भों की ऊँचाई २.२५ मीटर, और उसके बाड़े को लकड़ी के ६० खम्भे और द्वार को छोड़ तीनो ओर बटी हुई सनी के लटकते हुए कपड़े से बनाया गया था। बाड़े को इन लकड़ी के खम्भों से बनाया गया था, उसके ऊपर चाँदी के कुंडे और पीतल की किर्सिया लगाईं गई थी। चाँदी के कुंडे के ऊपर चाँदी के दो खूंटे लगाए गए थे, और प्रत्येक खम्भे के सहारे के लिए इन खूंटो के साथ चाँदी की पट्टियों को जोड़ा गया था। भूमि पर पीतल के खूंटों के साथ इन चाँदी की पट्टियों को जोड़ा गया था, इस तरह खम्भों को सुरक्षित किया गया था।

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  • 4. धूप वेदी वो स्थान था जहाँ परमेश्वर अपना अनुग्रह प्रदान करता था (निर्गमन ३०:१-१०)
    Dec 9 2022

    यदि हम पवित्र स्थान यानी की परमेश्वर के घर के अन्दर कदम रखते तो सबसे पहले हम दीवट, भेंट की रोटी की मेज, और धूप वेदी को देखते। धूप वेदी को परमपवित्र स्थान के प्रवेश द्वार के सामने रखा गया था, जहाँ प्रायश्चित का ढकना था, दीवट और भेंट की रोटी की मेज के पास। इस धूप वेदी की लम्बाई और चौड़ाई दोनों एक हाथ थी, जब की उसकी ऊँचाई दो हाथ थी। बाइबल के अन्दर, एक हाथ का मतलब तक़रीबन आज के समय के ४५-४० सेंटीमीटर। इसलिए धूप वेदी कुछ हद तक छोटा समकोणीय थी, जिसका नाप तक़रीबन ५० सेंटीमीटर लंबा और चौड़ा और उंचाई १०० सेंटीमीटर थी। और होमबलि की वेदी की तरह, धूप वेदी के चारों कौनो पर सींग लगे हुए थे। बबूल की लकड़ी से बनी धूप वेदी पूरी तरह से सोने से मढ़ी हुई थी।

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  • 3. होमबलि की वेदी बबूल की लकड़ी से बनी थी और सोने से मढ़ी गई थी (निर्गमन ३८:१-७)
    Dec 9 2022

    इस्राएल के लोगों के बिच में से किसी भी पापी को अपने पापों के लिए, तम्बू के पास बलिदान का अर्पण लाना पड़ता था, उसके सिर पर अपने हाथ रखने के द्वारा अपने पापों को उसके ऊपर डालना पड़ता था, उसका लहू बहाना पड़ता था, और फिर उस लहू को याजक को सोंपना पड़ता था। फिर सेवा करनेवाला याजक बलिदान के इस लहू को होमबलि की वेदी के सींगो पर छिड़कता था, उसकी चरबी और मांस को वेदी पर रखता था, और फिर परमेश्वर के लिए सुंगध के रूप में उसे आग से जलाता था। यहाँ तक की महायाजक को भी अपने पापों की माफ़ी पाने के लिए होमबलि की वेदी के सामने बलिदान के सिर पर अपने हाथ रखने पड़ते थे और अपने पाप उसके ऊपर डालने पड़ते थे। यह प्रायश्चित का बलिदान था जो होमबलि की वेदी पर चढ़ाया जाता था जिसे बबूल की लकड़ी से बनाया गया था और पीतल से मढा गया था, और पापों की माफ़ी का यह बलिदान केवल हाथ रखने और लहू बहाने के द्वारा ही चढ़ाया जाता था।

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  • 6. प्रायश्चित का ढकना (निर्गमन २५:१०-२२)
    Dec 9 2022

    मिलापवाले तम्बू का अन्दर का भाग मुख्य दो भागों में बटा हुआ था: पवित्र स्थान और परमपवित्र स्थान। उन दोनों को अलग करने के लिए बिच में एक पर्दा लटकाया गया था, और साक्षी के संदूक को इस परदे के पीछे परमपवित्र स्थान में रखा गया था। संदूक के ढकने को प्रायश्चित का ढकना भी कहा जाता है।

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  • 5. मिलापवाले तम्बू के लिए इस्तेमाल हुई चाँदी की कुर्सियों का आत्मिक महत्त्व (निर्गमन २६:१५-३०)
    Dec 9 2022

    तम्बू के पटिए जहाँ परमेश्वर निवास करता था वह सोने से मढ़े हुए थे। तम्बू के प्रत्येक पटिए को सीधे खड़े रखने के लिए, परमेश्वर ने मूसा को दो चाँदी की कुर्सियां बनाने के लिए कहा था। प्रत्येक पटिए के निचे दो चाँदी की कुर्सियां लगाने का आत्मिक मतलब निम्नलिखित है। बाइबल में, सोना विश्वास को दर्शाता है जो कभी भी बदलता नहीं है। इन कुर्सियों को सोने से मढ़े पटिए के निचे लगाईं जाति थी जिसका मतलब है की परमेश्वर ने हमें दो उपहार दिए है जो हमारे उद्धार की निश्चितता देता है। दुसरे शब्दों में, उसका मतलब है की यीशु ने बपतिस्मा लेकर और अपना लहू बहाकर हमारे उद्धार को परिपूर्ण किया।

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  • 7. पानी और आत्मा के सुसमाचार के लिए गाँठ (निर्गमन २५:३१-४०)
    Dec 9 2022

    यह भाग तम्बू के दीवट का वर्णन करता है। आज मैं पुष्पकोश, फूल और दीपक के आत्मिक मतलब का वर्णन करूंगा। परमेश्वर ने सबसे पहले मूसा को सोने से दीवट की डंडिया बनाने का आदेश दिया था। इसलिए पहले डंडियों को बनाया गया, और फिर इन डंडियों से डालियों को बनाया गया। दीवट की प्रत्येक बाजू से तिन डालियाँ निकलती थी, और प्रत्येक डालियों पर बादाम के फूल के समान तिन पुष्पकोश बने थे, और फिर गांठ और फूल बनाए गए। इस तरह, डालियों के ऊपर सात दीपक को रखे गए थे। फिर उजियाला करने के लिए इन दीपकों के अन्दर तेल डाला गया। इस प्रकार दीवट पवित्र स्थान के अन्दर के भाग को और सारे पात्र को प्रकाशित करता था।

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  • 9. यहोवा के लिए पवित्र (निर्गमन २८:३६-४३)
    Dec 9 2022

    निर्गमन २८:३६ कहता है, “फिर चोखे सोने की एक पट्टी बनवाना, और जैसे छापे में वैसे ही उसमें ये अक्षर खोदे जाएँ, अर्थात् ‘यहोवा के लिये पवित्र।’” इस पट्टी को नीले फीते से बाँधा गया था ताकि वह पगड़ी से गिरे नहीं।
    परमेश्वर हमें महायाजक की पगड़ी से क्या दिखाना चाहते है? पगड़ी और उसके आभूषण दर्शाते है की यीशु मसीह ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेने के द्वारा हमारे सारे पापों को अपने ऊपर उठा लिए और इस प्रकार हमारे सारे पापों को साफ़ किया।

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