• 1. उद्धार पाने के लिए सबसे पहेले हमें अपने पापो को पहेचानना चाहिए (मरकुस ७:८-९, ७:२०-२३)

  • Dec 8 2022
  • Duración: 30 m
  • Podcast

1. उद्धार पाने के लिए सबसे पहेले हमें अपने पापो को पहेचानना चाहिए (मरकुस ७:८-९, ७:२०-२३)

  • Resumen

  • सबसे पहले, मैं यह दर्शाना चाहता हूँ की पाप क्या है। कुछ पाप ऐसे है जो परमेश्वर ने दर्शाएँ है और कुछ पाप ऐसे है जो मनुष्यने दर्शाएँ है। ग्रीक ‘αμαρτία (hamartia)’ भाषा में पाप शब्द का अर्थ है, ‘निशान से चूकना’। दुसरे शब्दों में कहे तो, कुछ गलत करना। परमेश्वर की व्यवस्था का उल्लंघन करना पाप है। आइए देखते है की मनुष्य की नज़र में पाप क्या है।
    हम अपने मन के अनुसार पाप को पहचानते है। जब की, मनुष्य का मापदंड उसकी सामजिक पृष्ठभूमि, मानसिक स्तर, परिस्थिति और मन के मुताबिक़ बदलता रहेता है।
    इसतरह, अलग अलग व्यक्ति के अनुसार पाप की परिभाषा बदलती रहती है। एक जैसा ही कार्य हर एक व्यक्ति के खुद के मापदंड के मुताबिक़ पाप हो भी सकता है ओर नहीं भी हो सकता। इसलिए परमेश्वर ने हमें पाप के मापदंड के लिए व्यवस्था की ६१३ धाराएं दी है।

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