Episodios

  • श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)
    May 12 2024

    श्री राम नवमी - (हरिगीतिका छंद)


    श्री राम नवमी पर्व पावन, राम मंदिर में मना।

    संसार पूरा राममय है, राम से सब कुछ बना॥

    संतों महंतों की हुई है, सत्य सार्थक साधना।

    स्त्री-पुरुष बच्चे-बड़े सब, मिल करें आराधना॥

    नीरज नयन कोदंड कर शर, सूर्य का टीका लगा।

    मस्तक मुकुट स्वर्णिम सुशोभित, भाग्य भारत का जगा॥

    आदर्श का आधार हो तुम, धैर्य का तुम श्रोत हो।

    चिर काल तक जलती रहेगी, धर्म की वह ज्योत हो॥

    तन मन वचन सब कुछ समर्पित, जाप हर पल नाम का।

    अब राम ही अपना सहारा, आसरा बस राम का॥


    श्रद्धा सहित समर्पित

    सुर - डॉ सुभाष रस्तोगी

    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    मूल संगीत - उषा मंगेशकर

    संयोजन - अमोल माटेगांवकर

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    7 m
  • ग़ज़ल - मधुमास (Ghazal - Madhumas)
    Mar 8 2024

    समापन है शिशिर का अब, मधुर मधुमास आया है।

    सभी आनंद में डूबे, अपरिमित हर्ष छाया है॥

    सुनहरे सूत को लेकर, बुना किरणों ने जो कम्बल।

    ठिठुरते चाँद तारों को, दिवाकर ने उढ़ाया है॥

    ...

    ...

    समर्पित काव्य चरणों में, बनाई छंद की माला।

    नमन है वागदेवी को, सुमन ‘अवि’ ने चढ़ाया है॥


    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    स्वर - श्रेय तिवारी

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    Full Ghazal is available for listening

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    5 m
  • बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने (Bada Toot Kar Dil Lagaya Hai Hamne)
    Feb 23 2024

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने

    जुदाई को हमदम बनाया है हमने


    तेरा अक्स आँखों में हमने छिपाया

    तभी तो न आँसू भी हमने बहाए

    तेरा नूर दिल में अभी तक है रोशन

    'अक़ीदत से तुझको इबादत बनाकर

    लबों पर ग़ज़ल सा सजाया है हमने..

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने


    सबब आशिक़ी का भला क्या बतायें

    ये दिल की लगी है तो बस दिल ही जाने

    न सोचा न समझा मोहब्बत से पहले

    सुकूं चैन अपना मेरी जान सब कुछ

    तेरी जुस्तुजू में गँवाया है हमने

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने


    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने

    जुदाई को हमदम बनाया है हमने


    Lyrics - Vivek Agarwal "Avi"

    Guitar & Vocal - Randhir Singh


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    3 m
  • प्रतिशोध (Revenge)
    Feb 13 2024
    मेरी यह कविता "प्रतिशोध" पुलवामा के वीर बलिदानियों और भारतीय वायु सेना के पराक्रमी योद्धाओं को समर्पित है चलो फिर याद करते हैं कहानी उन जवानों की। बने आँसू के दरिया जो, लहू के उन निशानों की॥ .. .. .. नमन चालीस वीरों को, यही संकल्प अपना है। बचे कोई न आतंकी, यही हम सब का सपना है॥ The full Poem is available for your listening. You can write to me on HindiPoemsByVivek@gmail.com
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    5 m
  • बड़ी ख़ूबसूरत (Badi Khoobsoorat)
    Dec 31 2023
    बड़ी ख़ूबसूरत शिकायत है तुझको कि ख़्वाबों में अक्सर बुलाया है हम ने बड़ी आरज़ू थी हमें वस्ल की पर जुदाई को हमदम बनाया है हमने तेरा अक्स आँखों में हमने छिपाया तभी तो न आँसू भी हमने बहाए तेरा नूर दिल में अभी तक है रोशन 'अक़ीदत से तुझको इबादत बनाकर लबों पर ग़ज़ल सा सजाया है हमने भुलाना तो चाहा भुला हम न पाए तेरी याद हर पल सताती है हमको नहीं आज कल की है तुझसे मोहब्बत बड़ी मुद्दतों से बड़ी शिद्दतों से बड़ा टूट कर दिल लगाया है हम ने सबब आशिक़ी का भला क्या बतायें ये दिल की लगी है तो बस दिल ही जाने न सोचा न समझा मोहब्बत से पहले सुकूं चैन अपना मेरी जान सब कुछ तेरी जुस्तुजू में गँवाया है हमने Lyrics - Vivek Agarwal Music and Vocals - Ranu Jain Write to us at HindiPoemsByVivek@gmail.com
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    6 m
  • नज़्म - वर्चुअल वर्ल्ड (Nazm-Virtual World)
    Dec 22 2023
    किताबें छोड़ फोनों को, नया रहबर बनाया है। तिलिस्मी जाल में फँस कर सभी कुछ तो भुलाया है। उसी के साथ गुजरे दिन, उसी के साथ सोना है। समंदर वर्चुअल चाहे, असल जीवन डुबोना है। ट्विटर टिकटौक गूगल हों, या फिर हो फेसबुक टिंडर। हैं उपयोगी सभी लेकिन, अगर लत हो बुरा चक्कर। भुला नज़दीक के रिश्ते, कहीं ढूँढे हैं सपनों को। इमोजी भेज गैरों को, करें इग्नोर अपनों को। ये मेटावर्स की दुनिया, हज़ारों रंग भरती है। भले नकली चमक लेकिन, बड़ी असली सी लगती है। न खाते वक़्त पर खाना, न सोते हैं समय से अब। नहीं अच्छी रहे सेहत, पड़े बिस्तर पे रहते जब। हमारे देश का फ्यूचर, ज़रा सोचो तो क्या होगा। युवा अपना जो तन-मन से, अगर मज़बूत ना होगा। कभी सच्ची कभी झूठी, ख़बर तेजी से बढ़ती हैं। बिना सर पैर अफ़वाहें, करोड़ों घर पहुँचती हैं। बिना जाँचे बिना परखे, यकीं हर चीज पर मत कर। बँटे है ज्ञान अधकचरा, ये कूड़ा मत मग़ज़ में भर। समझ ले बात अच्छे से, किताबें काम आएँगी। दिमागों में भरा सारा, जहर बाहर निकालेंगी। You can write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com
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    5 m
  • तुम को देखा (Tum Ko Dekha)
    Dec 14 2023


    तुम को देखा तो ये ख़याल आया।

    प्यार पाकर तेरा है रब पाया।


    झील जैसी तेरी ये आँखें हैं।

    रात-रानी सी महकी साँसें हैं।

    झाँकती हो हटा के जब चिलमन,

    जाम जैसे ज़रा सा छलकाया।

    तुम को देखा ……


    देखने दे मुझे नज़र भर के।

    जी रहा हूँ अभी मैं मर मर के।

    इस कड़ी धूप में मुझे दे दे,

    बादलों जैसी ज़ुल्फ़ की छाया।

    तुम को देखा ……


    ज़िंदगी भर थी आरज़ू तेरी।

    तू ही चाहत तू ज़िंदगी मेरी।

    पास आकर भी दूर क्यूँ बैठे,

    चाँद सा चेहरा क्यूँ है शरमाया।

    तुम को देखा ……


    तुम को देखा तो ये ख़याल आया।

    प्यार पाकर तेरा है रब पाया।


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    2 m
  • इश्क़ दोबारा (Love Again)
    Oct 1 2023

    एक किताब सा मैं जिसमें तू कविता सी समाई है,

    कुछ ऐसे ज्यूँ जिस्म में रुह रहा करती है।

    मेरी जीस्त के पन्ने पन्ने में तेरी ही रानाई है,

    कुछ ऐसे ज्यूँ रगों में ख़ून की धारा बहा करती है।


    एक मर्तबा पहले भी तूने थी ये किताब सजाई,

    लिखकर अपनी उल्फत की खूबसूरत नज़्म।

    नीश-ए-फ़िराक़ से घायल हुआ मेरा जिस्मोजां,

    तेरे तग़ाफ़ुल से जब उजड़ी थी ज़िंदगी की बज़्म।


    सूखी नहीं है अभी सुर्ख़ स्याही से लिखी ये इबारतें,

    कहीं फ़िर से मौसम-ए-बाराँ में धुल के बह ना जायें।

    ए'तिमाद-ए-हम-क़दमी की छतरी को थामे रखना,

    शक-ओ-शुबह के छींटे तक इस बार पड़ ना पायें।


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    2 m